ध्यान वो अवस्था है जिसमें आपकी आंखे तो बंद होती हैं लेकिन आप मानसिक (Mentally) रूप से पूरी तरह जागृत होते हैं। मन विचार, शून्य हो जाना ही ध्यान की अवस्था होती है। ध्यान के दौरान हमें अपने भीतर हो रही और अपने आस-पास हो रही हर परिस्थिति के प्रति जागरुकता होती है और नींद के दौरान हमें न तो अपने आस-पास की परिस्थिति बल्कि अपने स्वप्न भी पूरी तरह से याद नहीं रहते हैं।
ध्यान में आ रही नीद्रा कोई साधारण नीद्रा नहीं होती है, वह योग नीद्रा होती है जोकि साधारण ध्यान से तीन गुना अधिक शक्तिशाली होती है। नीद्रा ध्यान शरीर को अत्यधिक ऊर्जावान बना देता है।
– P.V. Rama Raju पी.वी राम राजू (सीनियर पिरामिड मास्टर)
ध्यान(Meditation) का अर्थ है अपने भौतिक शरीर (Physical Body) और अपने मन (Mind) पर से ध्यान हटाकर अपनी सांसों को महसूस करना। ध्यान की अत्यंत सरल तकनीक है आनापानसति (Anapanasati) ध्यान । Meditation की इस प्रक्रिया में केवल अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। ध्यान के दौरान व्यक्ति कई तरह के अनुभवों को महसूस करता है, इन अनुभवों को ध्यानुभव कहा जाता है।