योग (Yoga) का अर्थ है, जब दोनों हाथों को मिलाकर रखेंगे तो वह योग है और अगर दोनों हाथों को अलग कर दिया तो वह वियोग है। योग कई प्रकार के होते हैं जैसे – कर्म योग, नाद योग, ज्ञान योग, हट योग और ध्यान योग इत्यादि।
- अपने कर्मों के साथ मिलकर रहने को कहते हैं कर्म योग
- संगीत के साथ मिलकर रहने को कहते हैं नाद योग
- किताबों के ज्ञान के साथ मिलकर रहने को कहते हैं ज्ञान योग
- स्वयं के साथ मिलकर रहने को कहते हैं ध्यान योग
- अपने शरीर के साथ मिलकर रहना होता है हट योग
आत्मा के साथ जुड़ने का एकमात्र मार्ग ध्यान योग ही है। आप किसी भी तरह के योग क्यूं न कर लें लेकिन स्वयं को पाना केवल ध्यान योग से ही संभव है।
– P.V. Rama Raju पी.वी राम राजू (सीनियर पिरामिड मास्टर)