“आध्यात्मिक स्वास्थ्य जड़ है.. और शारीरिक स्वास्थ्य उसका फल है। ” आनापानसति ध्यान करने की सबसे सरल तकनीक है ।
पाली भाषा में … आनापानसति शब्द का अर्थ है – ‘आन. ‘अंदर आति हुई साँस’
‘अपान’.. ‘बाहर जाती हुई साँस
‘संति’, ‘मिलन’
“आनापानसति ध्यान” यानि अपनी प्राकृतिक साँसों के साथ एक हो जाना। ध्यान एक ऐसा महान उपहार है। जो हम स्वयं ही स्वयं को देसकते हैं!
ध्यान में होने वाली तीन महत्वपूर्ण घटनाएं:
जब हम श्वास ऊर्जा के साथ होते हैं, तो मन विचार शून्य हो जाता है।
जब मन विचारों से मुक्त होता है तो भौतिक शरीर में ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है।
ऊर्जा के निरन्तर प्रवाह दिव्य चक्षु सक्रिय होने लगता है और ब्रह्माण्डीय चेतना का अनुभव प्राप्त होता है।
ध्यान के लाभ:
• दवाईयों पर मनोवैज्ञानिक निर्भरता नहीं रहती।
• शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
• जीवन उत्साहपूर्ण, सार्थक, रिश्तों में सामंजस्य और लोक कल्याण करने की भावना जागृत होती है।
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