PSSM के 18 सिद्धांत | 18 Principles of PSSM

Swadhyay on PMC Hindi

जीवन को पूर्णरूप से जीने के लिए अगर कुछ सबसे ज़्यादा ज़रूरी है तो वह है, समग्र स्वास्थ्य।
यानी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से एक साथ गति करना। स्वयं के साथ साथ घर परिवार और समाज के लिए भी आप अपना कीमती समय कैसे खर्च करते हैं यह देखना भी ज़रूरी है।

हम आपको बता रहे हैं Pyramid Spiritual Societies Movement (PSSM) के 18 Principles जो आध्यात्मिक प्रगति के साथ आपको एक आनंद और उल्लास से भरा जीवन जीने की कला सिखाते हैं।

1. सही ध्यान- Right Meditation
सही ध्यान सीखें और लोगों को भी सिखाएं। 
और सही ध्यान क्या है? सही ध्यान यानी आनापानसति ध्यान। कोई कठिन आसान नहीं, कोई कठिन मुद्रा नहीं, कोई मन्त्र जाप नहीं। बस आराम से बैठ जाएँ, हाथों और पैरों को क्रॉस कर लें, आँखें बंद करें और अपनी अंदर आती हुई व् बाहर जाती हुई साँसों के साथ एक हो जाएँ।

2. स्वाध्याय- Read a Lot of Books
स्वाध्याय यानी स्व+अध्याय … अर्थात स्वयं को और गहरायी से जानना। जो भी आप पढ़ते हैं, जिसपर आप मनन करते हैं, वही आप बन जाते हैं। अगर आप सही किताबें पढ़ते हैं तो जीवन अपने आप ही सकारात्मक होने लगता है। इसलिए अधिक से अधिक स्वाध्याय करें। हर एक आध्यात्मिक मास्टर जैसे ओशो, लोबसांग राम्पा, एलन वाट्स, जेन रॉबर्ट्स और दीपक चोपड़ा आदि की किताबें पढ़ें।

3. सज्जन सांगत्य- Be among Meditators
ध्यान करने वाले व्यक्ति के लिए ज़रूरी है कि वह सज्जन सांगत्य करे। सज्जन सांगत्य यानी सत जनों की संगति। अपना समय ध्यानियों में व्यतीत करें। ध्यान में होने वाले अपने अनुभवों को साझा करें और दूसरे लोगों के ध्यान अनुभवों को भी सुनें।

4. मौन- Practice Silence
अपना अधिक से अधिक समय मौन में बिताएं। क्यूँकि मौन रहने से आपके अंदर मौजूद ऊर्जा संरक्षित होने लगती है.. जिसका उपयोग ध्यान में गहरे उतरने के लिए किया जा सकता है। व्यर्थ की बातों और गपशप में पढ़कर अपनी ऊर्जा को व्यर्थ न गवाएं

5. पूर्णिमा ध्यान – Full Moon Meditation
पूर्णिमा रात्रि का भरपूर उपयोग करें।
पूर्णिमा से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक पृथ्वी पर भरपूर मात्रा में ब्रह्मांडीय ऊर्जा मौजूद होती है। पूर्णिमा ध्यान करने पर आप अधिक मात्रा में इस ऊर्जा को ग्रहण करते हैं। इसलिए इसका उपयोग ध्यान के लिए ज़रूर करें।

6. पिरामिड ऊर्जा का उपयोग करें – Utilize Pyramid Energy
पिरामिड एक ऐसी संरचना है जिसमें लगातार ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। पिरामिड में ध्यान करने से मन अधिक तेज़ी से शांत होता है और आप 3 गुना ज़्यादा ऊर्जा ग्रहण करते हैं। अगर आपके आस पास को पिरामिड केंद्र मौजूद नहीं है तो ध्यान के लिए आप पिरामिड कैप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

7. स्वयं अपनी चिकित्सा करें – No Doctor, No Medicine
दवाओं पर किसी भी तरह की मानसिक निर्भरता को छोड़ें। हमारे भौतिक शरीर की कोई भी अवस्था केवल हमारी मानसिक स्थिति की वजह से है। 90% बीमारियाँ मानसिक स्तर पर बनती हैं और समय के साथ शरीर में जगह बना लेती हैं। इसलिए किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए ध्यान की ऊर्जा का इस्तेमाल करें।

8. शाकाहार अपनाएं – Be a Vegetarian
आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए ज़रूरी है कि आपका भोजन भी पूरी तरह सात्विक हो। ध्यान करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को शाकाहार को अपनाना चाहिए।
अगर आप जानवरों का माँस खाते हैं तो आप माँस नहीं खा रहे बल्कि उस हिंसा को ग्रहण कर रहे हैं। आहार सात्विक और आसानी से पचने वाला होना चाहिए। केवल उतना ही खाएं जितनी आपके शरीर को आवश्यकता है।

9. प्रकृति के साथ समय बिताएं – Spend Time with Nature
शांत और प्राकृतिक वातावरण हमें स्वयं से जुड़ने में सहायता करता है। जब भी समय मिले तब प्रकृति के साथ समय बिताएं। जंगल, नदी के किनारे या किसी भी शांत प्राकृतिक स्थान पर समय बिताएं। ऐसा करने से आप अपने अंदर की शान्ति का अनुभव कर सकते हैं।

10. सहज सरल जीवन जियें – Live a Simple Life
ध्यानी का जीवन बिल्कल सहज और सरल होना चाहिए। किसी भी प्रकार की वेशभूषा, मालाएं या किसी धार्मिक निशान इत्यादि की कोई ज़रूरत नहीं है। ध्यान आपको एकत्व सिखाता है। एकत्व का यह भाव ही आपकी जीवनशैली में दिखना चाहिए। जितना संभव हो जीवन को सहज और सरल रूप से जियें।

11. बच्चों को ध्यान सिखाएं – Teach Kids Meditation
प्रत्येक माता पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को ध्यान ज़रूर सिखाएं। संसार में जीने के लिए जितना महत्व शिक्षा का है, उतना ही आध्यात्मिक शिक्षा का भी है। अगर बच्चे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होंगे तो वे आसानी से जीवन के किसी भी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।

12. शिष्य नहीं बल्कि गुरु की तरह जीवन जियें – Live like a Guru
PSSM में हम सभी एक दूसरे से सीखते हैं, यहाँ कोई किसी का शिष्य नहीं है, कोई किसी का गुरु भी नहीं है।
सभी मास्टर्स हैं। जो भी सीखने के लिए तैयार है वह अपने जीवन में प्रगति के लिए भी तैयार है।
हर ध्यानी का लक्ष्य होना चाहिए कि वह एक गुरु की तरह जीवन जिए।

13. निशुल्क ध्यान सिखाएं – Teach Meditation for Free
पैसा कमाने के लिए जीवन चलाने के लिए तरह तरह के कार्य हैं, आप खेती आकर सकते हैं, पढ़ा सकते हैं या कुछ भी और कर सकते हैं।
ध्यान सभी के लिए है लेकिन ध्यान सिखाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क कभी न लें।
ध्यान सिखाने के लिए पैसे का कोई भी ले देन न करें। पत्रीजी कहते हैं जितना आता है जो भी आता है दूसरों को सिखाओ . अगर आपको ध्यान आता है तो अन्य लोगों को भी ज़रूर सिखाएं। यह मानवता की परम् सेवा है।

14. किसी जीवित गुरु की पूजा या प्रार्थना नहीं – No Worshipping of Idols
गुरु का जीवन में होना महत्वपूर्ण है क्यूँकि वे ही हमें सही मार्ग दिखाते हैं। लेकिन किसी जीवित गुरु की पूजा करना एकदम व्यर्थ बात है। आप उनसे सीखकर अपना जीवन बेहतर कर सकते हैं। हम सभी स्वयं ही भगवान् हैं, हमें किसी और को पूजने की कोई ज़रूरत नहीं है। ध्यान खुद में ही अपने गुरु को खोजने का एक मात्र मार्ग है।

15.अपनी समस्याएं ख़ुद हल करें – Treat Your Issues by Yourself
हम सभी के जीवन में समस्याएं हैं जिनका हल हम हमेशा बाहर ढूंढते हैं। लेकिन हम समस्याओं को स्वयं ध्यान के माध्यम से दूर कर सकते हैं।
कोई गुरु इसमें हमारी सहायता नहीं कर सकता।
हमारी समस्याएं हमारा ही चुनाव हैं, हमें खुद ही इन्हें हल करना होता है। जीवन की किसी भी समस्या का समाधान है ध्यान।

16.सन्यास नहीं बल्कि संसार में निर्वाण – No Renunciation, Attaining Enlightenment by Living in the World
कई धर्म भौतिक और शारीरिक सुख को आध्यात्मिकता के लिए रुकावट की तरह देखते हैं।
लेकिन यह सच नहीं है। प्रकृति द्वारा हमें दिए गए शरीर का भी अपना महत्त्व है। सभी पिरामिड मास्टर्स एक बेहतरीन सांसारिक जीवन जीते हैं, सन्यास की कोई पाबन्दी नहीं है। अगर आप ध्यानी हैं तो आप संसार में ही निर्वाण पा सकते हैं।

17.अधिक से अधिक पिरामिडों का निर्माण – Build More Pyramids
सभी पिरामिड मास्टर्स को अधिक से अधिक पिरामिड ध्यान केंद्रों का निर्माण करना चाहिए ताकि सभी लोग ध्यान से लाभान्वित हो सकें। अपने आस पास के गाँव, शहरों में या जहाँ भी मुमकिन हो पिरामिड ध्यान केंद्र का निर्माण करवाएं और जितना हो सके ध्यान का प्रचार प्रसार करें।

18.ध्यान अनुभवों और जीवन रूपांतरण का प्रकाशन – Publish Your Meditation Experiences
प्रत्येक मास्टर को अपने ध्यान अनुभव, ध्यान के द्वारा जीवन में हुए रूपांतरण को लिखना व् प्रकाशित करना चाहिए। आपका ध्यान का अनुभव दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है। इसलिए अपने सभी ध्यान अनुभवों को पिरामिड ध्यान जगत मैगज़ीन या PMC हिंदी चैनल के द्वारा अन्य लोगों तक ज़रूर पहुँचायें।